इस बार हरियाली तीज का त्योहार 13 अगस्त को है यह त्यौहार सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है सावन के पवित्र महीने में बारिश रिमझिम होती है जिससे हमारे आसपास पेड़ पौधे हरे भरे होकर झूम उठते हैं इसलिए हरियाली के कारण इस त्यौहार को हरियाली तीज कहा जाता है |
सावन के दूसरे पक्ष में मनाया जाने वाला हरियाली तीज का त्योहार इस बार विशेष संयोग बन रहा है क्योंकि यह भगवान भोले के शुभ दिन अर्थात तीसरे सोमवार के दिन पढ़ रहा है इसी कारण इसका महत्व और ही दोगुना हो गया है | हरियाली तीज को छोटी तीज तथा श्रवण तीज के नाम से भी जानते हैं यह त्यौहार नागपंचमी से दो दिन पहले हमारे भारतवर्ष में बनाया जाता है|
श्रवण के महीने में काले बादलों की काली छटा देखने को मिलती है तथा बरसात की रिमझिम फुहार पड़ती है इसके साथ पेड़ों पर झूले भी पड़ जाते हैं झूला झूलते समय स्त्रियां लोकगीत तथा कजरी गाती है|
आइए जानते हैं स्त्रियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह दिन
यह तो आप सभी जानते ही होंगे सावन का महीना महादेव के लिए विशेष महत्व रखता है ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ के प्राप्ति करने के लिए लंबी तथा कठोर तपस्या की थी कठोर तपस्या की थी जिससे उनको भगवान भोलेनाथ की प्राप्ति हुई थी तथा इस दिन को जल के देवता वरुण तथा वृक्ष की उपासना भी की जाती है|
सुहागिन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज का त्योहार विशेष महत्व इसलिए भी रखता है क्योंकि स्त्रियां मंदिर जाकर जल-दूध तथा फूल-पत्तियोंभगवान शिव तथा पार्वती की पूजा करती हैं तथा उनसे अपने पति के लिए दीर्घायु कामना करती हैं तथा उनके लिए उपवास भी रखती हैं इस दिन स्त्रियां लाल वस्त्र धारण कर हाथों पर मेहंदी लगाती हैं और नई चूड़ियां भी पहनती है |