दिवाली का नाम सुनने ही मन में मिठाई एवं पकवान का ख्याल मन में आ जाता है यह बच्चो के लिए मिठाइयों, पटाखों एवं फुलझड़ियो का त्यौहार है ही लकिन इस त्यौहार पर माता लक्ष्मी पूजा-पाठ का भी विशेष महत्व है । दिवाली के आने से काफी दिन पहले से ही घर कि साफ- सफाई एवं रंगाई पुताई का काम होने लगता है। दिवाली पे सजावट के लिए लोग इलेक्ट्रॉनिक लाइट एवं LED उपयोग करते है। लड़किया एवं महिलाये घर में रंगोली सजती है। दीपक जलाये जाते है एवं माता लक्ष्मी एवं गणेश जी पूजा की जाती है । तो आइये जानते है 5 दिनों का त्यौहार किस तरह से मनाये ।
- धनतेरस 2018 दिन सोमवार 5
धनतेरस को दीवापली की शुरुआत मना जाता है जो कार्तिक महीने की त्रियोदशी को मनाया जाता है इसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं। यह दिवाली के ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है अबकी बार 5 नवंबर को धनतेरस है धनतेरस को देवताओ आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि की पूजा एवं धन के देवता कुबेर की पूजा को विशेष मन गया है । इस दिन को लोग सोना, चांदी ,आभूषणों की खरीददारी करते है धनतेरस को झाड़ू एवं माता लक्ष्मी एवं गणेश की पूजा के लिए मूर्ति दिवाली पर पूजा के लिए भी खरीदते है ।
2. नरक चतुर्दशी 6 नवंबर 2018 नवंबर
दिवाली के ठीक एक दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मानते है इसको काली चौदस भी कहा जाता है हिन्दू के धर्मग्रंथो के अनुसार कि श्रीकृष्ण भगवान से नरकासुर नमक राक्षस का वध किया था जिसने जेल के तहखाने में 16,100 कन्याओं कैद कर रखा था कृष्ण जी ने उन्हें मुक्त कराया था । इस दिन भी घर में दिए जलाये जाते है इस दिन को छोटी दिवाली भी कहते है ऐसी मान्यता है कि सूर्योदय से पहले स्नान एवं उबटन करने से मनुष्य अपने पापो से मुक्त हो जाता है । कुछ लोग इस दिन गंगा स्नान भी करते है।
3. दीपावली 7 नवंबर 2018
इस त्यौहार मुख्य तीसरे दिन को दीपावली अथवा दिवाली के नाम से जानते है| यह हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है जिसे देश भर में लोग बड़े ही धूमधाम से मानते है । दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक कि अमावस्या को मनाया जाता है इस को दान कि देवी मां लक्ष्मी कि पूजा का विशेष महत्व है तथा इस दिन गणेश एवं माता सरस्वती कि भी पूजा कि जाती है माता लक्ष्मी कि पूजा करने से घर में धन कि वर्द्धि होती है इस दिवाली के इस दिन मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घी के दीप जलाए जाते हैं ।
हिन्दू धर्म दूसरी मान्यता यह है कि दिवाली के दिन भगवान रामचन्द्रजी माता सीता और भाई लक्ष्मण जी के साथ 14 सालो के वनवास से अयोध्या लौटे थे। भगवान राम के स्वागत के लिए नगर वासियों ने उनकी आने कि ख़ुशी में घी के दीप जलाए थे । तभी से यह त्यौहार मनाया जाता है ।
4. गोवर्धन पूजा 8 नवंबर
दिवाली के दूसरे दिन को गोवर्धन पूजा होती है। यह दिन को पड़वा या प्रतिपदा भी कहते हैं। इस दिन को घर के आँगन में गाय के गोवर से गोवर्धन बनाए जाते हैं। तथा उनका पकवानो से भोग किया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी तर्जनी ऊँगली से गोवर्धन पर्वत को उठाया था, तथा नगर वासियो मूसलधार बारिश से बचाया था । तभी से गोवर्धन पूजन की परंपरा को आज भी दिवाली के एक दिन बाद यानि प्रतिपदा को गोवर्धन पूजन किया जाता है।
5. भैया- दूज 9 नवंबर 2018
भैया- दूज का दिवाली महापर्व का अंतिम दिन होता है । जिसे यम द्वितीया कहते हैं। अबकी बार यह ९ अक्टूबर शुक्रवार के दिन को है यह त्यौहार भाई- बहन का एक त्यौहार है जिसमें बहन अपनी भाई को तिलक करती है और भोजन कराती है तथा भाई कि लम्बी उम्र के लिए भगवान से कामना करती है। यह पर्व रक्षाबंधन के त्यौहार की तरह ही है जो भाई बहन के प्यार को बरकरार रखता है।